Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डब्ल्यूओएस ने किया शक्ति उत्सव आयोज। विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बजट लाईव। भारतीय नौसेना का जहाज कुठार श्रीलंका के कोलंबो पहुंचा। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान प्राण, केंद्रीय कृषि मंत्री। इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से संरक्षणवाद को छोड़कर उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया,पीय... PM Modi ने बागेश्वर धाम की पर्ची निकाल दीं, धीरेंद्र शास्त्री बोले। विधान सभा बजट सत्र 2025-26 का चौथा दिन। मात्र 250 रुपए जमा करने पर आपको मिलेगा 78 लाख रुपए तक! CM योगी ने विधानसभा में शिवपाल यादव पर कसा तंज। देश की पहली दुनिया की 5वीं नाइट सफारी विकसित हो रही, प्रदेश वासियों को नाइट सफारी की मिलेगी सौगात,जा...

महिला जज ने CJI को चिट्ठी लिख मांगी इच्छामृत्यु, सीनियर जज पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में तैनात एक महिला न्यायिक अधिकारी ने सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर एक जिला न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और उनसे अपना जीवन ‘सम्मानजनक तरीके से’ समाप्त करने की अनुमति मांगी है। इसके बाद प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने जांच की स्थिति पर इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन से रिपोर्ट मांगी। महिला न्यायिक अधिकारी ने अपने दो पन्नों के पत्र में, प्रधान न्यायाधीश से बाराबंकी में अपनी पदस्थापना के दौरान उनके (महिला न्यायिक अधिकारी) साथ हुई बदसलूकी और उत्पीड़न के बाद अपना जीवन समाप्त करने की अनुमति मांगी है।

सोशल मीडिया पर यह पत्र प्रसारित हो रहा है, जिसमें लिखा है, ‘‘मुझे अब और जीने की तमन्ना नहीं है। मैं पिछले डेढ़ साल से जिंदा लाश की तरह हूं। अब मेरे जीवित रहने का कोई उद्देश्य नहीं है। कृपया मुझे मेरा जीवन सम्मानपूर्ण तरीके से समाप्त करने की अनुमति प्रदान करें।”

शीर्ष अदालत के सूत्रों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के महासचिव ने प्रधान न्यायाधीश के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से महिला न्यायिक अधिकारी की शिकायत पर विचार कर रही आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष कार्यवाही की स्थिति के बारे में जानकारी देने को कहा है।

महिला जज ने पहले शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी, जो जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई थी। पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज दी थी कि आंतरिक शिकायत समिति के पास मामला विचाराधीन है और एक प्रस्ताव पारित किया गया है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की मंजूरी की प्रतीक्षा है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.