इंदौर। राज्य सेवा मुख्य परीक्षा-2023 आगे नहीं बढ़ाए जाने से नाराज अभ्यर्थी अनिश्चितकालीन धरना देने की रणनीति बना रहे हैं। शुक्रवार को अभ्यर्थियों ने बैठक भी बुलाई, जिसमें 11 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन करने पर सहमति बनी। शनिवार को जिला प्रशासन व पुलिस से धरने को लेकर अनुमति के लिए अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया।
अभ्यर्थियों के मुताबिक, यूपीएससी और अन्य राज्यों की परीक्षा में निगेटिव मार्किंग रहती है, लेकिन प्रदेश में यह व्यवस्था लागू नहीं है। मध्य प्रदेश में भी राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2025 से निगेटिव मार्किंग शुरू करने की मांग भी रखी गई है। इससे उन अभ्यर्थियों को लाभ होगा जो गहराई से पढ़ाई करते हैं।
एमपी पीएससी द्वारा राज्य सेवा मुख्य परीक्षा-2023 की तारीख में बदलाव करने की मांग के साथ अभ्यर्थियों ने पिछले दिनों 33 घंटे धरना दिया था। अभ्यर्थियों की मांग थी कि राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2023 का परिणाम 18 जनवरी को घोषित किया गया। मगर आयोग ने 90 के बजाए 50 दिनों के भीतर राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2023 की तारीख घोषित कर दी। आयोग ने अभ्यर्थियों की एक भी मांग पर विचार नहीं किया है।
अभ्यर्थी आकाश पाठक ने बताया कि राज्य सेवा भर्ती परीक्षा 2024 में 110 की जगह 500 पद किए जाएं। मुख्य परीक्षा की कापी आयोग की बेवसाइट पर अपलोड की जाए, ताकि अभ्यर्थी अपनी गलती सुधार सकें। साक्षात्कार के अंक बढ़ाने और कम करने की स्थिति के कारण बताए।
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