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यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज साइट की संभावित सूची में देश के 50 और स्थल

नई दिल्ली। यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज साइट की संभावित सूची में देश के कई और स्थानों को शामिल किया गया है। इसके पहले रबींद्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन व कर्नाटक के होयसाला को भी इसमें शामिल किया गया था।

नव पाषाण युग की बस्तियां भी मिलीं

भारत की ऐसी अद्भुत विरासतों में एक मिश्रित रूप से सांस्कृति और प्राकृति, सात प्राकृति और 34 सांस्कृतिक स्थल शामिल हैं। देश में 50 ऐसे स्थान भी हैं हां पर नव पाषाण युग की बस्तियां मिली हैं।

मिश्रित स्थान में सिक्किम का कांचेनदोंगा नेशनल पार्क को शामिल किया गया है। देश की राजधानी दिल्ली के लोटस टेंपल को भी यूनेस्को की विश्व विरासत की अनुमानित लिस्ट में शामिल किया गया है।

दिल्ली के चार स्थान इस लिस्ट में

राजधानी के 4 ऐतिहासिक स्थान शाहजहांबाद, निजामुद्दीन, महरौली और नई दिल्ली भी ऐतिहासिक रूप से अपने आप में बहुत समृद्ध है। यह पहले के समय में सिल्क रूट का हिस्सा रहा है। पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खोज में दिल्ली में तीसरी और चौथी सदी इसके बाद मुगलकाल तक कई सांस्कृतिक विरासत की परतें मिली हैं।

खोदाई में मिले थे बर्तन

दिल्ली में की गई खोदाई में 1000 से 500 ईसा पूर्व के बर्तनों के टुकड़े भी प्राप्त हुए। इसी वजह से नई दिल्ली, शाहजहांबाद, निजामुद्दीन और महरौली को प्रस्तावित कर इसे वर्ल्ड हैरिटेज सिटी की संभावित सूची में नामित किया है।

हिंदू मंदिरों को तोड़कर उनके ही अवशेषों से बनाया

हाल में दिल्ली से वर्ल्ड हैरिटेज साइट में कुतुब मीनार, हुमायूं का मकबरा और लाल किला परिसर भी इसमें शामिल है। इसके साथ ही 1311 वर्ष में बना अलाई दरवाजा भी सूची में शामिल है, यह दो मस्जिदों को जोड़ता है। इनमें से एक सबसे पुरानी मस्जिदों में शामिल है। जानकारी के मुताबिक इन सभी स्मारकों को वहां मौजूद रहे हिंदू मंदिरों को तोड़कर उनके ही अवशेषों से बनाया गया था। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विपुल सिंह के अनुसार मंदिर स्थानीय राजाओं द्वारा बनवाए गए थे।

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