Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डब्ल्यूओएस ने किया शक्ति उत्सव आयोज। विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बजट लाईव। भारतीय नौसेना का जहाज कुठार श्रीलंका के कोलंबो पहुंचा। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान प्राण, केंद्रीय कृषि मंत्री। इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से संरक्षणवाद को छोड़कर उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया,पीय... PM Modi ने बागेश्वर धाम की पर्ची निकाल दीं, धीरेंद्र शास्त्री बोले। विधान सभा बजट सत्र 2025-26 का चौथा दिन। मात्र 250 रुपए जमा करने पर आपको मिलेगा 78 लाख रुपए तक! CM योगी ने विधानसभा में शिवपाल यादव पर कसा तंज। देश की पहली दुनिया की 5वीं नाइट सफारी विकसित हो रही, प्रदेश वासियों को नाइट सफारी की मिलेगी सौगात,जा...

रमा एकादशी व्रत 9 नवंबर को, जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त व पौराणिक महत्व

इंदौर। रमा एकादशी का व्रत हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि रमा एकादशी का व्रत रखने से ब्रह्महत्या सहित कई पापों से मुक्ति मिल जाती है। रमा एकादशी का व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे से जानें इस एकादशी व्रत के बारे में विस्तार से –

जानें कब है रमा एकादशी व्रत

पंचांग के अनुसार, रमा एकादशी व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा, जो सुबह 8.23 मिनट पर शुरू होगा और 9 नवंबर को सुबह 10.41 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग के मुताबिक, उदया तिथि में होने के कारण रमा एकादशी का व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा। पारण का समय 10 नवंबर को सुबह 6.39 मिनट से लेकर 8.50 मिनट के बीच होगा।

रमा एकादशी पर ऐसे करें पूजा

  • सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
  • भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक कराएं।
  • रमा एकादशी व्रत का संकल्प लें।
  • भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान के साथ करें।
  • पूजा में धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प अर्पित करें।
  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें
  • रमा एकादशी की व्रत कथा पढ़ें।
  • ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद दान दें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.