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राजस्थानः BJP ने झोंपड़ी में रहने वाले विधायक को बनाया मंत्री, जानें कौन हैं बाबूलाल खराड़ी

राजस्थान में शनिवार को भजनलाल शर्मा सरकार को मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। राज्यपाल कलराज मिश्र ने 22 विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें 12 कैबिनेट मंत्री और 5 स्वतंत्र प्रभार, 5 राज्य स्वतंत्र प्रभार मंत्री बनाए गए। भजन लाल कैबिनेट में एक विधायक ऐसा भी है, जिसके पास अपना पक्का मकान नहीं है।

राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल में जगह बनाने वाले बाबूलाल खराड़ी के परिवार में उनकी दो पत्नी है  और तो और उनकी दोनों पत्नी साथ ही रहती है। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। चारों बच्चों की शादी हो चुकी है। सबसे बड़े बेटा देवेन्द्र खराड़ी और प्रदु्मन खराड़ी फिलहाल खेती का काम करते हैं। बाबूलाल खराड़ी के पास एक ट्रेक्टर और एक स्कॉर्पियो गाडी है। खास बात ये है कि चौथी बार विधायक बने खराड़ी आज भी केलूपोश मकान में रहते हैं।

केलूपोश मकान में रहते हैं बाबूलाल खराड़ी
उनके पास अपना पक्का मकान नहीं है। उनकी इस सादगी को लेकर भाजपा के कई बड़े नेता तारीफ कर चुके हैं। जिनमें पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश प्रभारी विजिया राहटकर सहित कई नेता उनके घर पहुंचे थे। खराड़ी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खंड कार्यवाहक भी रह चुके हैं। विधायक बनने से पहले वे खंड कार्यवाहक रहते हुए निजि स्कूल में बतौर शिक्षक पढ़ाते थे।

कोटड़ा मंडल युवा मोर्चा अध्यक्ष रह चुके हैं बाबूलाल खराड़ी
जिसके बाद वे वनवासी कल्याण परिषद द्वारा संचालित स्कूलों के सुपरवाइजर बने थे। खराड़ी के काम और उनकी सादगी को देखते हुए भाजपा ने उन्हें 1987 में कोटड़ा कोटड़ा मंडल युवा मोर्चा अध्यक्ष बनाया था। जो उनकी राजनीति का टर्निंग प्वाइंट था। इसके बाद वे पहली बार 1995 में जिला परिषद सदस्य के तौर पर चुनाव लड़े।  इसके बाद वर्ष 2000 में कोटड़ा के प्रधान बने। इसके बाद भाजपा ने इन्हें विधायक का टिकट दिया।

पहली बार मिली थी हार
1998 में जिसमें पहली बार विधान सभा चुनाव में हार मिली थी। फिर दूसरी बार 2003 भाजपा ने इन पर वापस भरोसा जताया था। जिसके बाद वे विधायक बने। दुसरी बार 2008, तीसरी बार मोदी लहर में 2013 में चुनाव हारे, 2018में पुनः भाजपा ने पांचवी बार टिकीट दिया जिसमे विजय हुए। 2023 में भाजपा ने झाड़ोल विधानसभा क्षेत्र से छठी बार विधायक प्रत्याक्षी बनाया जिस पर काफी विरोध के बाद भी चौथी बार विजय हुए।

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