ग्वालियर। जिला अदालत में काफी समय से चल रहे अपहरण, मारपीट सहित अन्य धाराओं के मामले में भिंड से भाजपा विधायक नरेंद्र कुशवाह और अन्य आरोपितों को बड़ी राहत मिली है। अधिवक्ता अवधेश सिंह तोमर के मुताबिक, सीआरपीसी की धारा 482 के अंतर्गत एफआइआर को निरस्त करने की याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में लगाई गई थी।
याचिका पर सुनवाई करते हुए मप्र हाईकोर्ट की जबलपुर मुख्य पीठ ने एफआइआर को निरस्त कर दिया। इसके साथ ही अभी तक निचली अदालत में हुई मामले की पूरी सुनवाई को भी निरस्त करते हुए विधायक सहित अन्य पर लगे आरोप को खत्म कर दिया है।
अपहरण, मारपीट का आरोप
एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहे मुकदमे में भिंड के वर्तमान भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह पर आरोप था कि वह वर्ष 2015 में जिला पंचायत वार्ड-एक बाराकलां से बसपा प्रत्याशी बाबूराम जामौर को कलेक्ट्रेट कैंटीन से अपने वाहन में जबरदस्ती बैठाकर ले गए और उनको चुनाव नहीं लड़ने के लिए धमकाया, मारपीट की। बाद में हथियारों से लैस लोगों की गाड़ी में बैठा दिया।
तत्कालीन बसपा प्रत्याशी बाबूराम जामौर ने अपनी शिकायत में बताया कि घटना के दिन वह जिला पंचायत सदस्य के लिए फार्म डालकर आए और कैंटीन में वकील के साथ काफी पी रहे थे। इसी दौरान गाड़ी में विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह आए और उन्हें बुलाया। गाड़ी में उनके साढ़ू केशव सिंह देसाई भी थे तो वह भरोसे में चले गए। वह जैसे ही गाड़ी में बैठे, वैसे ही गेट बंद कर गाड़ी चला दी गई। इस दौरान विधायक ने उनसे बात करते हुए उन्हें धमकाया। शिकायतकर्ता बाबूराम ने यह भी बताया कि उन्हें दूसरी गाड़ी में पटक दिया गया। इसमें हथियारों से लैस लोग उन्हें ऊमरी थाने ले गए।
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