भोपाल। मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीटें जीतने के बाद भाजपा में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही तमाम अटकलों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा। बुधवार को छिंदवाड़ा जा रहा हूं। वहां हम सातों विधानसभा सीटें नहीं जीत पाए। मेरा एक ही संकल्प है कि प्रदेश में लोकसभा की 29 में 29 सीटें पार्टी जीतें।
शिवराज के इस बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। मीडिया से बात करते उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जो हमारे नेता हैं, के गले में 29 कमल की माला के साथ संपूर्ण बहुमत यहां भाजपा को मिले और वे फिर प्रधानमंत्री बनें।
मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं था
शिवराज ने कहा कि मैं पहले भी मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं था, आज भी नहीं हूं और बाद में भी नहीं रहूंगा। भाजपा के कार्यकर्ता एक बड़े मिशन को पूरा करने के लिए काम करते हैं, किसी पद विशेष के लिए नहीं। मिशन के माध्यम से हमें जो भी काम मिलता है, उसे ईमानदारी से करते हैं। इसके पहले उन्हें जीत की बधाई देने के लिए होशंगाबाद से निर्वाचित डा. सीतासरन शर्मा सहित अन्य नेता पहुंचे।
वीडी शर्मा ने शाह और नड्डा का किया अभिनंदन
उधर, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 48.55 प्रतिशत वोट शेयर के साथ भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड विजय पर प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भेंटकर उनका अभिनंदन किया।
पार्टी अध्यक्ष को उन्होंने प्रदेश के चुनाव परिणाम और बूथ पर मिले मतों की विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान वहां उपस्थित केंद्रीय मंत्री एवं राज्य सभा में सदन के नेता पीयूष गोयल को प्रदेश में पार्टी की जीत पर शर्मा ने बधाई दी। बता दें कि शाह ने प्रदेश में 21 और नड्डा ने 14 सभाएं की थीं।
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