शिवपुरी। शिवपुरी के लोगों के सिर पर अवैध हथियार रखने का शौक इस हद तक हावी है कि हथियार तस्करों को शिवपुरी में बड़ी संभावनाएं नजर आ रही हैं। यही कारण है कि हथियारों के शौकीनों ने शिवपुरी को अवैध हथियारों की बड़ी मंडी बना दिया है। हथियारों के सौदागर यहां अपने एजेंट बनाकर जिले भर में बड़ी मात्रा में अवैध हथियारों की सप्लाई करने में लगे हुए हैं। पुलिस ने पिछले पांच महीने में शिवपुरी के विभिन्न थाना क्षेत्रों से अवैध हथियारों की छह बड़ी खेप पकड़ी हैं, जिनमें 89 अवैध हथियारों जब्त होना बताया गया है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह तो सिर्फ नाम मात्र के हथियार पकड़ में आए हैं। उनके अनुसर हर साल यहां हजारों की संख्या में अवैध पिस्टल, रिवाल्वर, कट्टे आदि खरीदे-बेचे जाते हैं। इसी क्रम में करैरा पुलिस ने शुक्रवार को एक ग्रामीण उदयभान रावत को अवैध हथियारों के जखीरे के साथ गिरफ्तार किया है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसके घर में बने कमरे में से 315 बोर के 20 कट्टे, 315 बोर की दो बंदूकें और पीतल के 25 राउंड जब्त किए हैं।
दस साल से कर रहा कारेाबार
पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने बताया कि उदयभान ने पुलिस को प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वह पिछले दस साल से अवैध हथियारों का कारोबार कर रहा है। वह इस दौरान हजारों की तादाद में अवैध हाथियार दतिया, ग्वालियर और शिवपुरी जिले के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र में बेच चुका है। उदयभान के अनुसार उसके साथ दतिया और भितरवार जिले के कुछ लोग भी इस कारोबार में शामिल बताए जा रहे हैं।
अगर उदयभान के आपराधिक रिकार्ड की बात करें तो उदयभान के खिलाफ मारपीट, रंगदारी, आर्म्स एक्ट, हत्या के प्रयास, डकैती का षड़यंत्र रचना की धाराओं में 13 अपराध शिवपुरी और दतिया जिले में दर्ज हैं।
लोकल फैक्ट्री में बनते हैं हथियार
अगर ग्रामीण सूत्रों की मानें तो उदयभान और उसके गिरोह के सदस्य लोकल फैक्ट्री का भी संचालन करते हैं। उदयभान कई बार तो खरीददार की डिमांड के अनुसार हथियार तैयार करवा कर देता था। पुलिस आरोपित का पुलिस रिमांड लेकर इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उसके साथ इस पूरे कारोबार में और कितने लोग जुड़े हुए हैं। इसके अलावा यह हथियार वह कहां से बनवाता है। पुलिस इस बात का भी सुराग लगाने का प्रयास कर रही है कि कहीं लोकल स्तर पर तो किसी फैक्ट्री का संचालन नहीं किया जा रहा है।
एक हथियार के विक्रय पर हजारों रुपये का मुनाफा
पुलिस पूछताछ में यह बात सामने आई है कि अवैध हथियारों के तस्कर डेढ़ से दो हजार रुपये में एक कट्टा खरीदते हैं और उसे पांच हजार रुपये तक में खरीददार को बेचते हैं। इसी प्रकार अगर पिस्टल इंग्लिस पिस्टल की नकल है तो वह 30 ये 35 हजार रुपये तक में बाजार में बेची जाती है। अगर पिस्टल में देशी लुक है तो वह 20 हजार रुपये तक में बाजार में बेची जाती हैं। कट्टे के मुकाबले पिस्टल बेचने में अधिक मुनाफा हाेता है।
अगर बात अवैध राउंड की करें तो पुलिस पूछताछ में यह बात भी स्पष्ट हुई है कि अवैध राउंड खरीदने वालों की संख्या बहुत अधिक होती है, क्योंकि लाइसेंस धारकों को उनके लाइसेंस पर गिनती के राउंड मिलते हैं, जबकि उन्हें और राउंड की आवश्यकता होती है तो वह अवैध हथियारों के सौदागरों से ही राउंड खरीदते हैं।
टूरिस्टर के रूप में भी आते हैं हथियारों के सप्लायर
शिवपुरी पुलिस द्वारा पिछले दिनों में पकड़े गए हथियार सप्लायरों के द्वारा किए गए खुलासों पर नजर दौड़ाएं तो हथियारों के सौदागर शिवपुरी में टूरिस्ट वाहनों में पर्यटक के रूप में शिवपुरी आते हैं और शिवपुरी के अलग-अलग क्षेत्रों में घूमने के बहाने हथियारों की सप्लाई करके जाते हैं। इसके अलावा कुछ सप्लायरों ने तो कोरियर के माध्यम से भी हथियार और ड्रग्स सप्लाई किए जाने की बात का खुलासा भी किया था।
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