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सर्कुलेशन से चल रही दिल्ली कैबिनेट! इस साल हुई केवल 6 फिजिकल मीटिंग

दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर स्थित आईएएस कोचिंग के बेसमेंट में पानी घुसने से तीन छात्रों की मौत का मामला अदालत में पहुंचा. दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा कि पिछले छह महीने में दिल्ली में कितनी कैबिनेट की बैठकें हुई हैं और उसमें से कौन-कौन से निर्णय लिए गए हैं. इतना ही नहीं आने वाले दिनों में कैबिनेट की बैठक कब होने वाली है?

मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली सरकार में अधिकतर कैबिनेट सर्कुलर से हुई, जबकि फिजिकल कैबिनेट मीटिंग साल में केवल पांच हुई.

आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में सर्कुलेशन से 21 में से 17 निर्णय हुए, जबकि पांच फिजिकल हुआ. इसी तरह साल 2023 की बात करें तो 29 कैबिनेट की बैठकें हुई, जिसमें कि केवल पांच फिजिकल बैठक हुई. साल 2024 की बात करें तो 31.07.2024 तक सर्कुलेशन माध्यम से 15 और फिजिकल माध्यम से केवल 6 बैठकें हुई हैं.

क्या होता है कैबिनेट बैठक में?

कैबिनेट बैठकों में विस्तार से विचार-विमर्श होता है और विभाग द्वारा प्रस्तुतिकरण के साथ प्रत्येक मंत्री के विचारों को लिया जाता है. संबंधित विभाग कैबिनेट और उसके बाद प्रत्येक प्रस्तुति के माध्यम से प्रस्ताव का संचालन करता है. कैबिनेट द्वारा अंतिम निर्णय देने से पहले इस पर विचार-विमर्श किया जाता है. निर्णय से पहले कैबिनेट की बैठक में पेश किए गए प्रस्ताव पर चर्चा होती है और फिर उस प्रस्ताव को कैबिनेट की मीटिंग में मुहर लगाई जाती है.

सर्कुलेशन माध्यम से केवल आपातकालीन निर्णय!

दिल्ली सरकार के पूर्व राजनयिकों के अनुसार आमतौर पर केवल आपातकालीन स्थिति में ही मंत्रिमंडल के निर्णय प्रचलन द्वारा लिये जाते हैं. इसमें कैबिनेट के फैसले ऊपर से दिए जा रहे हैं और कोई विचार-विमर्श नहीं होता है.

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