इंदौर। जिस तरह इंदौर समय के साथ कदमताल करते हुए आधुनिक तकनीक, यंत्रों, मशीनों को अपने कामकाज में शामिल करता जा रहा है, उसी तरह इंदौर के घर भी अत्याधुनिक गैजेट्स से लैस होते जा रहे हैं। दरअसल, यह इंदौरियों की बदलती जीवनशैली का प्रमाण है कि अब लोग अपने घरों में देश-विदेश से ऐसी-ऐसी मशीनें मंगवा रहे हैं, जो भले महंगी हैं, लेकिन जीवन को आसान कर देती हैं। वे कौन-सी मशीनें हैं और कौन-से उपकरण हैं, जो इंदौर के घरों में जगह बनाकर बदल रहे हैं इंदौरियों की लाइफस्टाइल, आइए जानते हैं।
वर्ष 1998 में पोखरण परीक्षण के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जय जवान, जय किसान के नारे में जय विज्ञान जोड़ा था। समय के साथ विज्ञान हमारे जीवन को आसान करता गया। बड़ी-बड़ी मिसाइलों के बाद अब विज्ञान हमारे घरों में काम को आसान बना रहा है। आधुनिकता के चलते इंदौर के विकास में सार्वजनिक तौर पर आधुनिक तकनीक, यंत्रों और मशीनों को तेजी से शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा इंदौर के घरों में अब अत्याधुनिक गैजेट्स का प्रयोग बढ़ता जा रहा है।
देश-विदेश से मंगवा रहे स्मार्ट उपकरण
इंदौरी अपने घरों में देश-विदेश से ऐसी-ऐसी मशीनें मंगवा रहे हैं, जो भले महंगी हैं, लेकिन जीवन को आसान कर देती हैं। घरों में किचन से लेकर दिनचर्या के हर हिस्से में मशीन का बोलबाला बढ़ गया है। इलेक्ट्रिक बाडी मसाजर से अपनी और अपनों की देखरेख करना, रोबोट वैक्यूम क्लीनर से मिनटों में एक जगह बैठकर शुद्ध और कीटाणुरहित पोंछा लगाने समेत कई प्रकार की मशीनें कम समय में शुद्धता के साथ काम कर रही हैं। घर में कई व्यंजन बनें तो पार्टी का माहौल बन जाता है, किंतु जब बात बर्तन साफ करने की आती है तो यह काम अखरने लगता है। अब डिश वाशर मशीन ने यह काम काफी आसान कर दिया है।
डिश वाशर – जमकर करें पार्टी, अब गंदे बर्तन धोएगी मशीन
कीमत : 15000 रुपये से 31,000 रुपये तक।
काम : यह कपड़ों की वाशिंग मशीन की तरह ही गंदे बर्तनों की वाशिंग मशीन है। इसमें कई रैक बने होते हैं, जिनमें गिलास, कटोरी, थाली, कढ़ाई अलग-अलग रखी जा सकती हैं। कड़ाही की सख्त स्क्रबिंग से लेकर कांच के बर्तनों की हल्की सफाई तक, यह जंगम रैक और धुलाई कार्यक्रमों की मदद से सब कुछ कर सकती है।
प्रयोग : इस मशीन का उपयोग करने वाली रत्ना आर्या बताती हैं, घर में ही मेरा नर्सरी का काम है। पूरे देश में कई राज्यों से प्रतिनिधियों का आना-जाना लगा रहता है। वहीं पति के भी दोस्तों का आना-जाना काफी रहता है। ऐसे में घर में बनने वाले भोजन की मात्रा ज्यादा रहती है तो बर्तन भी खूब गंदे होते हैं। जब डिश वाशर नहीं था तो बर्तन धोने में समय और श्रम खूब लगता था। इससे कभी-कभी खाना बनाने में अरुचि होने लगी थी। इसका असर जीवन के अन्य मसलों पर भी पड़ता था। मगर अब डिश वाशर लगने से गंदे बर्तन धोने की चिंता नहीं रहती। ऐसे में चिंतामुक्त होकर हम लोग पूरा इंजाय करते हैं।
रोबोट वैक्यूम क्लीनर : आप सोफे पर बैठे रहें, रोबोट लगा देगा झाड़ू-पोंछा
कीमत : 5000 से 30,000 रुपये तक
काम : आसान भाषा में इसे पूरे घर का झाडू-पोंछा लगाने वाली आटोमैटिक मशीन कह सकते हैं। इसे खासतौर से ऐसे घरों में मंगवाया जा रहा है, जहां बुजुर्ग रहते हैं और बच्चे विदेश में या देश के अन्य शहरों में हैं। ऐसे घरों में सुरक्षा कारणों से वे साफ-सफाई के लिए आया को नहीं बुलवाना चाहते, तो विदेश से आर्डर कर रिमोट सेंसर्ड क्लीनिंग मशीन मंगवा लेते हैं। अब घर का कोई भी बुजुर्ग सोफे पर बैठे-बैठे रिमोट से मशीन को आपरेट करता है और वह मशीन पूरे घर का झाडू-पोंछा लगा देती है।
प्रयोग : प्रीति जोशी बताती हैं, मुझे सुबह जल्दी आफिस जाना होता है। ऐसे में घर के कामों को जल्दी से निपटाना होता है। सबसे ज्यादा समय सफाई करने में लगता था। अब रोबोट वैक्यूम क्लीनर आया है, तब से मैं एक ही जगह बैठकर पोंछा लगा सकती हूं। इसी तरह, 72 वर्षीय बुजुर्ग बृजमोहन मिश्रा कहते हैं- बेटा-बहू ने हमारी सुरक्षा व घर की सफाई की जरूरत को देखते हुए अमेरिका से रोबोट क्लीनिंग मशीन भेज दी। अब इससे मैं खुद ही पूरे घर की सफाई एक जगह बैठे-बैठे कर लेता हूं।
इलेक्ट्रिक फुल बाडी मसाजर : शरीर दर्द या थकान हो तो बैठ जाएं मशीन पर
कीमत : 4500 से 15000 रुपये तक।
काम : यह मशीन आरामदायक कुर्सीनुमा होती है। इसमें स्लीपर सीट की तरह लेटकर आसानी से मसाज कराई जा सकती है। यह बाडी मसाजर शून्य गुरुत्वाकर्षण स्थित पैर और पीठ पर तनाव को दूर करने में मदद कर सकती है। पीठ, कमर और कूल्हे के क्षेत्र में स्थित ताप प्रणाली, शरीर को गर्म करने और थकान को दूर करने में मदद करती है।
प्रयोग : इस मशीन का उपयोग कर रहे नीरज बरुआ बताते हैं, पापा की उम्र करीब 75 साल है। ऐसे में उन्हें कई बार शरीर में दर्द रहता था। मुझे ज्यादातर काम के संदर्भ से बाहर रहना पड़ता है। बेटा भी पढ़ाई के चलते पूरे दिन कालेज में रहता है। ऐसे में घर पर पापा को काफी समस्या होती थी। जब से बाडी मसाजर आया है, तब से पापा के लिए काफी आसानी हो गई है। जब भी उन्हें दर्द या थकावट होती है, तो वे मशीन लगाकर अपनी मसाज कर लेते हैं। थकावट दूर होने से पापा शाम को आसपास टहलने निकल जाते हैं। इससे उनके जीवन में बदलाव व आनंद आया है।
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