बालाघाट। सरकार विरोधी पर्चे फेंकने, बैनर टांगकर अपनी मौजूदगी दिखाने के नक्सलियों के असफल प्रयास लगातार सामने आ रहे हैं। 6 सितंबर को लांजी के चौरिया-चिलोदा के जंगल में भारी मात्रा में नक्सलियों द्वारा छिपाए गए विस्फोटक डंप मिलने के 11 दिन बाद लांजी के देवरबेली क्षेत्र के मलकुआ जंगल में रविवार को हॉकफोर्स और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई।
घटना में नक्सली या सुरक्षा जवानों को किसी तरह की हानि नहीं हुई
पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने पुष्टि करते हुए बताया कि मलकुआ और राशिमेटा गांव के बीच घने जंगल में हाकफोर्स के जवान सर्चिंग कर रहे थे, तभी नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई। इस घटना में नक्सली या सुरक्षा जवानों को किसी तरह की हानि नहीं हुई। जवानों को देखकर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में दोनों तरफ से आठ से दस राउंड फायर हुए। इसके बाद नक्सली जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गए। जंगल में मलाजखंड दलम के 10 से 12 नक्सली थे। एक्सचेंज आफ फायर की इस घटना के बाद इलाके में सर्चिंग तेज कर दी गई है।
इलाके में सर्चिंग तेज कर दी जो आगे भी जारी रहेगी
मुठभेड़ के बाद हॉकफोर्स ने घटनास्थल से नक्सलियों का दैनिक उपयोग का बड़ी मात्रा में सामान जब्त किया है। जवानों ने नक्सल टेंट, तिरपाल, खाना पकाने के बर्तन, यूएसबी चार्जर, बैटरी क्लिप, 12 वाट बैटरी, मल्टीमीटर सहित अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक्सचेंज ऑफ फायर की इस घटना के बाद इलाके में सर्चिंग तेज कर दी गई है, जो आगे भी जारी रहेगी।
अक्टूबर 2022 में लांजी के सुलसुली चौकी के ग्राम बोदालझाेला में हुई थी मुठभेड़।
गौरतलब है कि इससे पहले अक्टूबर 2022 में लांजी के सुलसुली चौकी के ग्राम बोदालझाेला के जंगल में सर्चिंग कर रहे हाकफोर्स और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। हाकफोर्स व सीआरपीएफ के जवानों ने एक महीने के अंदर नक्सलियों द्वारा छिपाए गए विस्फोटक डंप बरामद कर नक्सलियों के मंसूबों को नाकामयाब किया है। इस साल 23 अगस्त को लांजी में नरपी के जंगल और 6 सितंबर को चौरिया चिलोदा के जंगल में सर्चिंग के दौरान बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री सहित नक्सली साहित्य व अन्य रोजमर्रा के सामान बरामद किए थे।
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