नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुई तबाही को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर राज्य को 10 हजार करोड़ रुपये का राहत पैकेज दे। पार्टी के हिमाचल प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक सिर्फ 200 करोड़ रुपये की सहायता की है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हिमाचल के इतिहास में ऐसी भयानक तबाही आज तक नहीं हुई। राज्य में अब तक 330 जानें जा चुकी हैं और 12,000 घर तबाह हो चुके हैं। तकरीबन 13 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।”
उन्होंने बताया, ‘‘करीब 75,000 पर्यटक और 17,000 गाड़ियां फंसी थीं, जिन्हें हिमाचल सरकार ने 48 घंटे में सुरक्षित निकाल लिया। राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और सारे मंत्री रात-रात भर इस आपदा में साथ खड़े रहे।” शुक्ला ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने अभी तक सिर्फ 200 करोड़ रुपये दिए हैं, लेकिन हम 10 हजार करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं। मैं देश के सभी लोगों से अपील करता हूं कि आप लोग भी हिमाचल की मदद करें।” उनका कहना था कि केदारनाथ त्रासदी और भुज में भूकंप त्रासदी के समय की गई सहायता की तर्ज पर केंद्र सरकार को हिमाचल में भी राहत पैकज देना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार से आग्रह किया, ‘‘हिमाचल प्रदेश में 10 हजार करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया जाए। इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। जिनके घर टूटे हैं, केंद्र सरकार उनकी आर्थिक मदद करे। सभी राज्यों को आर्थिक सहायता देनी चाहिए। सड़कों का जल्द से जल्द पुनर्निर्माण कराया जाए।” हिमाचल प्रदेश में 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं में 227 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 38 लोग अब भी लापता हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 12,000 से अधिक घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस केंद्र के आंकड़ों के अनुसार राज्य को लगभग 8,100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और अब भी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
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