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100 रुपए किलो गेंदा फूल, 70 रुपए की माला… किसानों की ‘हैप्पी दीवाली’ आम आदमी की जेब पर भारी

मनावर। दिल को खुश करने वाली खुशबू बिखेरने वाले फूल आसपास के उन्नत किसानों के जीवन में आर्थिक उन्नति में मददगार बनेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में आमतौर पर गेंदे के फूलों की खेती की जाती है।

दीपोत्सव पर गेंदा फूलों की मांग अधिक रहती है, जिससे किसान को अच्छी आमदनी का मौका मिलता है। क्षेत्र के किसानों ने अपने खेतों के कई हिस्सों में गेंदे के फूल लगा रखे हैं, जो इन दिनों खिलकर मंडी में बिकने के लिए आ रहे हैं।

किसानों द्वारा भी इन फूलों की माला बनाकर शहर में दुकान लगाकर बिक्री की जाती है, जिसकी कीमत दीपावली पर 40 से 70 रुपये तक रहती है। अन्य दिन में यह माला 30 से 40 रुपये में ही बिकती है।

दीपोत्सव पर 100 रुपये किलो तक बिक जाते हैं फूल

  • लुन्हेरा के किसान बाबूलाल मुकाती, मोराड़ के जगदीश चौहान व सुरेश मुवेल ने बताया कि खरीफ मौसम में फूलों की खेती शुरू कर दी थी। प्रतिदिन हमारे द्वारा खेत में इन पौधों की देखरेख की गई।
  • फूल खिलने लगे हैं, जिन्हें तोड़कर मंडी व व्यापारियों को बेच रहे हैं, जिससे अच्छी आमदनी हुई है। दीपावली पर्व पर दुकान लगाकर फूलों की बिक्री करेंगे, क्योंकि दीपावली के समय इन फूलों से अच्छी आमदनी होती है।
  • नगर के सिंघाना रोड, धार रोड, इंदौर रोड पर फूल माला की कई दुकानें लगती हैं, जहां 40 से 70 रुपये के बीच फूल माला बिकती है। किसानों ने कहा कि ज्यादा फूल आने पर कम भाव और कम फूल आने पर अच्छा भाव मिलता है।
  • दीपावली पर्व पर 100 रुपये किलो तक भी फूल बिकते हैं। आम दिनों में तो इन फूलों के भाव कम रहते हैं। दीपावली पर फूलों से आमदनी अच्छी होती है, इसलिए हमारे द्वारा खेत के कुछ हिस्से में फूल लगाए जाते हैं।

आखिरी की बारिश में नुकसान भी पहुंचाया

पिछले आठ वर्ष से फूल की खेती कर रहे देवरा के एक किसान ने बताया कि वर्षा ऋतु में करीब पांच हजार फूल के पौधे लगाए थे। कड़ी मेहनत के बाद सितंबर-अक्टूबर माह में हुई आफत की वर्षा से पूरे पौधे जलमग्न हो गए थे। इससे 40 प्रतिशत ही पौधे बचे थे। इसमें हमें भारी नुकसानी का सामना करना पड़ा था।

परिवार द्वारा बचे हुए पौधों को कड़ी मेहनत कर संभाला है। खाद, पानी के साथ ही दवाई के छिड़काव से फूल के पौधों में सुधार आ गया और अब दीपावली पर्व पर अच्छे उत्पादन के साथ ही परिवार में खुशी की खुशबू बिखेरेंगे।

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