आगामी दिनों में चुनाव है। इसके मद्देनजर ही पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी कर शराब व गांजा तस्करी पूरी तरह अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश के बाद बिलासपुर जीआरपी की एंटी क्राइम टीम लगातार स्टेशन व ट्रेनों पर पैन नजर रखी हुई। थोड़ी भी सूचना मिलने पर टीम के सदस्य चौंकन्ना होकर जांच करते हैं। इसी के तहत ही टीम को सूचना मिली थी कि हीराकुंड एक्सप्रेस के बी- 3 कोच से बड़ी मात्रा में गांजा की तस्करी हो रही है। इसकी जानकारी के बाद इस पर आरक्षक मन्नू प्रजापति, लक्ष्मण गाइन, संतोष राठौर और सौरभ नागवंशी चांपा रेलवे स्टेशन पहुंचे।
चांपा स्टेशन से ट्रेन में चढ़ने के बाद आम यात्री की तरह गांजा तस्कर के पास वाली सीट पर बैठ गए। कुछ सदस्य गेट पर खड़े हो गए। जैसे ही ट्रेन बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंची, उसे पकड़ लिया गया और सीट के नीचे रखे ट्राली बैग की जांच की गई। भारी-भरकम ट्राली बैग के अंदर से 50 किलो गांजा बरामद हुआ। आरोपित को गिरफ्तार जब्त गांजा के साथ जीआरपी थाने लाया गया। थाने में उससे पूछताछ की गई। इस पर उसने अपना नाम उदु कुरु निवासी गजपति ओड़िशा बताया। जीआरपी ने आरोपित के खिलाफ एनटीपीएस एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्व कर न्यायालय में पेश किया गया।
ओडिशा से दिल्ली लेकर जा रहा था गांजा
पूछताछ के दौरान आरोपित ने जीआरपी को बयान दिया है कि गांजा वह ओडिशा से दिल्ली लेकर जा रहा था। हालांकि वह यह स्पष्ट नहीं बता पाया कि ओडिशा में उसे किसने गांजा दिया और दिल्ली पहुंचने के बाद इसे लेने के लिए कौन आता। जीआरपी इस मामले की छानबीन कर रही है।
तस्करों के लिए टीम बनी दीवार
जीआरपी एंटी क्राइम टीम जिस तरह लगातार कार्रवाई रही गांजा तस्करों की मुसीबत बढ़ गई है। दीवार की तरह टीम बिलासपुर में तैनात रहती है। यही वजह है कि गांजा तस्कर इस स्टेशन को पार ही नहीं कर पाते। अब तो खबर यह भी मिल रही है कि तस्कर टीम के खौफ से रेलमार्ग भी बदल रहे हैं।
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