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देश के 56 और जिलों में लागू हुआ अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग, ग्राहकों को फायदा

त्योहारों से सीजन से पहले केन्द्र सरकार ने लोगों को राहत देते हुए अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग का दायरा और बढ़ा दिया है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के ताजा नोटिफिकेशन के अनुसार अब देश के 56 नए ज़िले अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग के दायरे में आ गए हैं। इस तरह देश में 344 ज़िलों में सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है। इस मुद्दे पर विभाग ने 17 अगस्त को सभी पक्षों की बैठक बुलाई थी और आपसी सहमति के बाद ये नोटिफिकेशन जारी हुआ है।

शामिल हुए ये जिले

इस आदेश के तहत आंध्र प्रदेश के 17 नए जिलों को सूची में जोड़ा गया है। इनमें अनंतपुर, अन्नामय्या, डॉ बी आर अंबेडकर कोनसीमा, पूर्वी गोदावरी, एलुरु, गुंटूर, कडपा, कुरनूल, एनटीआर, नंद्याल, नेल्लोर, प्रकाशम, श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम, विजयनगरम और पश्चिम गोदावरी शामिल हैं। इसके अलावा असम में बारपेटा, बोंगाईगांव, कछार, जोरहाट, कामरूप मेट्रो, नागांव, तिनसुकिया और शिव सागर आठ नए जिले हैं जहां गोल्ड हॉलमार्किंग का कानून लागू होगा। बिहार के 23 जिलों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। इस तरह देश के 344 जिलों में सोने की खरीद-बिक्री के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है।

क्या है गोल्ड हॉलमार्किंग?

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 1 अप्रैल, 2023 से हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों के लिए छह अंक के ‘अल्फान्यूमेरिक’ एचयूआईडी को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत अब सिर्फ 6 डिजिट वाले Alphanumeric Hallmarking ही मान्य हैं। इसके बिना सोना और सोने के जेवर नहीं बेचे जा सकते। सोने की हॉलमार्किंग से सोने की शुद्धता तय होती है। इस हॉलमार्किंग में तीन निशान होते हैं, जिसमें बीआईएस हॉलमार्क, कैरेट में सोने की शुद्धता और छह अक्षर वाला एचयूआईडी कोड शामिल होता है। इसका मकसद आम जनता को सोने की मिलावट से बचाना और निर्माताओं के लिए शुद्धता का कानूनी मानक तय करना है।

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