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कारम बांध के प्रभावितों को मिलेगी राहत पात्र लोगों को मिलेगा मुआवजा

धार । गत वर्ष क्षतिग्रस्त हुए कारम बांध के मामले में दो हिस्से हैं। एक, इसका पुनर्निर्माण किया जाएगा। यह कार्य सिंचाई विभाग के इंजीनियर देख रहे हैं और विशेषज्ञ टीम को भी बुलाया गया है। दूसरा हिस्सा बांध प्रभावित लोग हैं। कुछ लोगों के मुआवजा प्रकरण बनाने हैं। इसे लेकर मैं स्वयं निरंतर मानीटरिंग कर रहा हूं। शीघ्र ही राहत मिलेगी।

प्रभावितों में कुछ जगह वन पट्टाधारी

यह जानकारी कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा में दी। उन्होंने बताया कि कारम बांध प्रभावितों में कुछ जगह वन पट्टाधारी आ रहे हैं। कुछ लोग ऐसे क्लेम कर रहे हैं, जिनके मकान सर्वे में छूट गए हैं। दोनों ही प्रकरणों में हमारी जांच लगभग लगभग पूरी हो चुकी है। अब शीघ्र ही इसकी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे और पात्र लोगों के मुआवजे की व्यवस्था करवाएंगे। कुछ मुआवजे ऐसे होते हैं, जो सरकार की नीति के हिसाब से बांटे जाते हैं। जैसे भू राजस्व एवं विस्थापन का मुआवजा होता है और कुछ ऐसे होते हैं जो तत्कालीन दृष्टि से होते हैं।

किसानों ने कहा- खेतों से पत्थर हटें तो मिले कुछ राहत

गत वर्ष 2022 के 14, 15 और 16 अगस्त के उन तीन दिनों के हालात कभी भुलाए नहीं जा सकते। चारों तरफ पुलिस के सायरन की आवाज, भगदड़, हर कोई परेशान। कई लोग रात्रि में झोले उठाकर पैदल ही निकल पड़े थे। लोगों के मन में डर-सा भर गया था। जब 14 अगस्त की शाम को बांध फूटा तब नदी के रौद्र रूप ने करीब चार घंटे तक तबाही मचा रखी थी। अब स्वतंत्रता दिवस पर यहां शांति है, लेकिन प्रभावित लोगों का कहना है कि उनके खेतों से पत्थर हट जाएं तो सही मायने उनके लिए राहत होगी।

14 अगस्त की शाम हुई थी घटना

गौरतलब है कि 14 अगस्त की शाम छह बजे तक पानी का बांध के बड़े हिस्से से निकलना शुरू हो गया था। इसके बाद बांध का एक तरफ का हिस्सा गिरने से पानी तेज गति में निकला और कारम नदी ने अपना रौद्र रूप ले लिया था। 15 अगस्त को सुबह देखा कि कई खेत, कई मकान, पुलिया, मुक्तिधाम ध्वस्त हो गए। लोगों की चिंता बढ़ गई थी। लोगों ने कहा कि कारम बांध हमारे लिए मुसीबत बन गया। हालांकि प्रशासन ने बड़ी आपदा को तो रोक लिया किंतु बांध के आसपास रह रहे लोगों की आफत खड़ी हो गई। नदी से लगे कई खेत, अब खेत नहीं रहे। लोग आज भी वहां खेती नहीं कर पा रहे हैं।

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