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Chhath Puja 2023: छठ पूजा का तीसरा दिन आज, जानिए संध्या अर्घ्य की पूजा सामग्री और मंत्र

इंदौर।  सनातन धर्म में छठ पूजा का पर्व बहुत खास माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य और छठ माता की पूजा करने की परंपरा है। इस साल यह पर्व 17 नवंबर को शुरू हुआ। आज छठ पूजा का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण दिन है। छठ पूजा के तीसरे दिन, डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसे संध्या अर्घ्य या पहला अर्घ्य के रूप में जाना जाता है। इस दिन व्रती अपने परिवार की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए आशीर्वाद मांगती है। पहली बार छठ पूजा करने वालों के लिए तीसरे दिन की पूजा सामग्री की सूची यहां दी गई है। साथ ही हम आपको संध्या अर्घ्य के मंत्र बताने जा रहे हैं।

संध्या अर्घ्य पूजा सामग्री लिस्ट

छठ पूजा के तीसरे दिन की पूजा के लिए सामग्री सूची में एक बांस या पीतल का बर्तन, एक गिलास, एक कटोरा, एक चम्मच, दूध और पानी के लिए एक तांबे का घड़ा, एक बड़ी टोकरी, एक थाली, एक दीपक, खाजा या कोई अन्य मिठाई, एक नई साड़ी, दो बड़ी बांस की टोकरियां, दूध और पानी के लिए एक गिलास, एक लोटा और एक थाली, एक चम्मच, गन्ने के पांच पत्ते, गन्ना और शकरकंद, पान और सुपारी का, केला, अनानास, बड़ा मीठा नींबू, मूली, अदरक, कच्ची हल्दी और पानी वाला नारियल आदि है।

छठ पूजा के दौरान इन चीजों को पूजा में जरूर शामिल करें। इस बात का भी ध्यान रखें कि टोकरी में ठेकुआ के साथ फल और सब्जियां भी होनी चाहिए। सूर्य को अर्घ्य देते समय सारा प्रसाद बर्तन में रख लें। सूप में दीपक जलाएं। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें।

अर्घ्य देते समय इन मंत्रों का करें उच्चारण

  • ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
  • ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
  • ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
  • ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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