कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा राहुल गांधी पर संसद के भीतर ‘अभद्र व्यवहार’ का आरोप लगाए जाने के बाद अपने नेता का बचाव करते हुए बुधवार को कहा कि राहुल गांधी कभी महिलाओं का अपमान नहीं करते हैं और भाजपा उन पर “अशोभनीय” आरोप मढ़कर मणिपुर हिंसा से ध्यान भटकाना चाहती है। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर लोकसभा में ‘फ्लाइंग किस’ की भाव-भंगिमा प्रदर्शित करते हुए महिला सांसदों के प्रति अभद्र व्यवहार दिखाने का आरोप लगाया। बाद में भाजपा की महिला सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट की और केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आज लोक सभा में भारत की आवाज़ रखी। पंडित नेहरू ने कहा था – ‘भारत माता’, भारत के ही लोग हैं। मणिपुर की हिंसा को हमारे अपने भाई- बहन झेल रहे हैं, भाजपा की संवेदनहीनता वो भुगत रहे हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी के मंत्रीगण इधर-उधर की बात कर रहें हैं, पर ये नहीं बता रहें हैं कि हिंसा कैसे हुई, इसे क्यों फैलने दिया गया, प्रधानमंत्री ने शांति की अपील क्यों नहीं की, वहां जा कर लोगों से उनका दुःख दर्द क्यों नहीं पूछा? क्या मोदी सरकार को लोगों की पीड़ा से कोई लेना देना नहीं है?
स्मृति ईरानी पर लगाए आरोप
क्या उनकी सारी राजनीति बस वोट लेने भर के लिए होती है?” राहुल गांधी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने ईरानी पर “राहुल-फोबिया” से पीड़ित होने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें इससे बाहर निकलना चाहिए। टैगोर ने कहा, “स्मृति ईरानी ‘राहुल फोबिया’ से ग्रस्त हैं और उन्हें इससे बाहर निकलने की कोशिश करनी चाहिए।” कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘स्मृति ईरानी जी, आपको अपनी नौटंकी बंद करनी चाहिए।
78 दिन तक जब तक वो भयावह वीडियो नहीं आया तब तक मुंह से एक शब्द नहीं फूटा था। आपका यह नकली आक्रोश और पाखंड बेशर्मी का एक नया मानक है। किसी के पास इस नाटक के लिये वक्त नहीं है।” कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राहुल गांधी के भाषण को शानदार और उत्साहजनक करार दिया और कहा कि स्मृति ईरानी ने अपने ही पाले में गोल कर दिया। शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भी राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा, “मैं दर्शक दीर्घा में थी और उन्होंने (राहुल गांधी ने) स्नेह व्यक्त करते हुए ऐसा किया। वे (भाजपा) प्यार को स्वीकार नहीं कर सकते।”
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