इंदौर। हिंदू धर्म में पौष माह का विशेष महत्व है। इस दौरान पितरों को प्रसन्न करने के लिए कई धार्मिक उपाय किए जाते हैं। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, पौष माह में भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, पौष माह में यदि आप अपने पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं तो कुछ महत्वपूर्ण उपाय जरूर करना चाहिए।
27 दिसंबर से शुरू हो गया पौष माह
हिंदू पंचांग के मुताबिक, पौष माह का आरंभ 27 दिसंबर, 2023 को हो गया है और यह माह 25 जनवरी 2024 तक रहेगा। ऐसी मान्यता है कि पौष मास में सूर्य देव 11 हजार रश्मियों के साथ धरती वासियों को ऊर्जा प्रदान करते हैं।
पौष माह में सूर्य को अर्घ्य दें
पौष माह में पितरों को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य देव को रोज सुबह तांबे के जल पात्र में शुद्ध जल लेकर अर्घ्य जरूर देना चाहिए। जल में रोली, लाल रंग के फूल, अक्षत और गुड़ भी डाल सकते हैं। रविवार को व्रत रखना शुभ फल देता है। ऐसा करने से समाज में प्रभाव बढ़ता है। मान-सम्मान मिलता है।
तांबे की वस्तु का दान
पौष माह में सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए दान का विशेष महत्व है। इस दौरान तांबे की वस्तु का दान करना चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य दोष खत्म होता है। सूर्य देव प्रसन्न होते हैं तो जीवन में कई कार्यों में सफलता मिलती है। इसके अलावा दान करने से कुंडली में मौजूद शनि दोष भी दूर होता है। गरीब व जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
विष्णु जी की पूजा
पौष माह में भगवान श्री हरि विष्णु की भी आराधना जरारू करना चाहिए। लक्ष्मीनारायण मंदिर जाकर दर्शन करना चाहिए और गरीबों को दान भी देना चाहिए। ऐसा करने से परिवार में सुख शांति बनी रहती है। शुक्रवार को पीपल के पेड़ की पूजा करना चाहिए। इससे पारिवारिक समस्याएं दूर होती है।
डिसक्लेमर
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