दमोह/बनवार। दमोह के जबेरा ब्लाक अंतर्गत छपरवाहा, मौसीपुरा कुलुवा मार्ग पर शून्य नदी पर बने मनगंवा घाट पुल का बीते दिनों आई बाढ़ में आधा हिस्सा बह गया है। जिससे पिछ्ले एक सप्ताह से दर्जनों गांव में वाहनों की आवाजाही बंद है। ग्रामीण और छोटे स्कूली बच्चे क्षतिग्रस्त पुल से जान जोखिम में डालकर निकलने को मजबूर हैं।
अभिभावक भी ले रहे खतरा
पुल टूटने केबाद अभिभावक अपने बच्चों को क्षतिग्रस्त पुल से एक पार से दूसरी पार छोड़ देते हैं तब कहीं छोटे -छोटे बच्चे मीलों का पैदल सफर तय करके स्कूल पहुंच रहे हैं। वहीं ग्रामीण क्षतिग्रस्त पुल से बाइक निकालने का हर दिन खतरा मोल ले रहे हैं। बावजूद समस्या का निराकरण करने की ओर शासन, प्रशासन का अभी तक कोई ध्यान नहीं गया है।
जर्जर होने के बाद भी नहीं बनाया था
उल्लेखनीय है कि छपरवाहा, मौसीपुरा, कुलुआ मार्ग पर शून्य नदी मनगुवां घाट पर छोटा पुल वर्षो से बना हुआ था। ग्रामीणों का आरोप है पुल वर्षों से जर्जर हो चुका था पुल में लगे लोहे की सरिया निकलकर बाहर आ गई थी, लेकिन हर बार पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा मरम्मत के नाम पर पुल में निकली सारियों के ऊपर से मुरम डालकर ढक दिया जाता था और हर साल तेज वर्षा के बाद बाढ़ की स्थिति में यह पुल जर्जर होता गया और एक सप्ताह पहले नदी में आई बाढ़ में पुल का आधा हिस्सा बह गया। पुल के बीचों बीच 10 फीट से अधिक गहरा गड्ढा हो गया है। जिसके चलते पुल से साइकिल, बाइक व चार पहिया वानि नहीं निकल पा रहे।
कई गांव के बच्चे जाते हैं पढ़ने
कई गांव के छात्र इसी मार्ग से होकर नोहटा, रोंड, बनवार हाईस्कूल, कॉलेज पढ़ाई करने के लिए जाते हैं। वर्तमान में आवाजाही बंद होने से लंबी दूरी के मार्ग का सहारा लेना पड़ता है। कुछ गांव के छात्र पढ़ाई करने स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। संतोष सिंह, मुल्लू सिंह, त्रिलोक सिंह, छोटू जैन व अन्य ग्रामीणों का कहना है जनप्रतिनिधियों, अफसरों को भी इस संबंध में जानकारी है। बावजूद इसके समाधान करने की ओर कोई ध्यान नहीं है।
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