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भोपाल में दूसरे के पेट डॉग को नहर में बचाने उतरे युवक की डूबने से मौत

भोपाल । घर से सुबह घूमने निकले इकलौते चिराग की लाश देखनी पड़ेगी, ऐसा तो सपने में परिवारजनों ने नहीं सोचा था। पर होनी को कुछ और ही मंजूर था। वो परमार्थ के काम में अपनी जीवन लीला समाप्त कर बैठा। परमार्थ भी किसके लिए… उस अबोले पालतू श्वान के लिए जो उसका था भी नहीं। वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। उसके माता-पिता को उस पर नाज था लेकिन बुधवार सुबह उसका शव देखकर मां का तो कलेजा ही फट पड़ा, वह चीख-चीख कर अपने बेटे को पुकारती रही। पर बेटा तो उस ईश्वर की गोद में जा बैठा था, जिसने उसे मां की झोली में भेजा था।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था

रातीबड़ थाना प्रभारी हेमंत श्रीवास्तव के मुताबिक सरल निगम पुत्र सुधीर निगम (23) सागर गार्डन होम्स, चूनाभट्टी में रहता था। वह मैनिट से बीटेक की पढ़ाई करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। सरल के पिता एक निजी कालेज से प्राचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। सरल परिवार का इकलौता बेटा था। बुधवार सुबह करीब आठ बजे वह मोहल्ले में रहने वाली दो अन्य युवतियों के साथ कार से केरवा डैम पर घूमने के लिए पहुंचा था। उनके साथ एक युवती का काले रंग का पालतू श्वान भी था।

श्वान को बचाने नहर में उतरा

सुबह करीब साढ़े आठ बजे तीनों श्वान को लेकर डैम के आगे वन विभाग के जंगल कैंप स्थित पार्क पहुंचे। यहां कुछ देर घूमने के बाद वह डैम से नीचे की तरफ बह रही नहर को पार करने लगे। इसी बीच उनका श्वान नहर में गिर गया। जिसे बचाने के लिए तीनों नहर में उतर गए।

पानी के तेज बहाव में बह गए तीनों

सरल और दोनों युवतियां एक-दूसरे का हाथ पकड़कर श्वान को नहर के पानी से बचाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन पानी का तेज बहाव होने के वह भी बहने लगे। इसी बीच एक युवक नहर के एक किनारे और युवतियां दूसरे किनारे की तरफ पहुंच गईं, जबकि सरल आगे बह गया। कुछ दूर आगे पानी की गहराई 15 फीट से भी ज्यादा थी, जहां सरल फंस गया और पानी में पूरी तरह से डूब गया। बाहर निकली युवतियों ने शोर मचाना शुरू किया, लेकिन उस वक्त वहां पर कोई भी मौजूद नहीं था। कुछ देर बाद आवाज सुनकर नहर का चौकीदार मौके पर पहुंचा तो युवतियों ने उसे घटना के बारे में बताया। चौकीदार ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस गोताखोरों को लेकर मौके पर पहुंची।

बेटे का शव देखकर मां की निकली चीत्कार

घटना की जानकारी मिलने के बाद सरल की मां अपने स्वजन के साथ मौके पर पहुंची। यहां नगर निगम और एसडीइआरएफ की टीम ने पानी के भीतर युवक की तलाश शुरू की। करीब आधा घंटा की मशक्कत के बाद टीम ने सरल का शव बाहर निकाल लिया। इकलौते बेटे का शव देखकर मां की चीत्कार निकल गई। वह चीख-चीख बेटे को पुकार रही थीं। यह देख आसपास खड़े लोगों की आंखें नम हो गईं। इकलौते जवान बेटे को ऐसी हालत में देखकर स्वजन के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। थोड़ी देर बाद पुलिस ने शव पीएम के लिए भेज दिया। साथ ही मौके पर मौजूद दोनों युवतियों से प्रारंभिक पूछताछ के बाद घर के लिए रवाना कर दिया गया। अब उनके विस्तृत बयान लिए जाएंगे।

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