Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के फैसले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डब्ल्यूओएस ने किया शक्ति उत्सव आयोज। विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बजट लाईव। भारतीय नौसेना का जहाज कुठार श्रीलंका के कोलंबो पहुंचा। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान प्राण, केंद्रीय कृषि मंत्री। इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से संरक्षणवाद को छोड़कर उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया,पीय... PM Modi ने बागेश्वर धाम की पर्ची निकाल दीं, धीरेंद्र शास्त्री बोले। विधान सभा बजट सत्र 2025-26 का चौथा दिन। मात्र 250 रुपए जमा करने पर आपको मिलेगा 78 लाख रुपए तक! CM योगी ने विधानसभा में शिवपाल यादव पर कसा तंज।

हरियाणा: 1 घंटा पहले BJP की सरकार बना रहे थे अशोक तंवर, फिर हो गए कांग्रेस में शामिल

पूर्व सांसद अशोक तंवर 5 साल बाद वापस कांग्रेस में आ गए हैं. महेंद्रगढ़ की रैली में तंवर ने राहुल गांधी के सामने कांग्रेस का दामन थाम लिया. मंच पर उनके धुरविरोधी भूपिंदर सिंह हुड्डा भी थे. दिलचस्प बात है कि कांग्रेस में शामिल होने से एक घंटे पहले तक अशोक तंवर बीजेपी प्रत्याशियों के लिए रैली कर रहे थे.

अशोक तंवर दोपहर 12 बजे नलवा में रणधीर परिहार के पक्ष में प्रचार करते दिखे थे. प्रचार के दौरान उनके साथ मंच बीजेपी के दिग्गज नेता कुलदीप बिश्नोई और राजस्थान के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ थे. उन्होंने इस दौरान बीजेपी की सरकार बनाने की अपील भी की. तंवर ने इससे पहले जींद में एक रैली की थी. यहां पर उन्होंने सफीदों से प्रत्याशी राम कुमार गौतम के लिए वोट मांगा था.

सिरसा से बीजेपी ने बनाया था उम्मीदवार

2024 के लोकसभा चुनाव में अशोक तंवर को बीजेपी ने सिरसा से उम्मीदवार बनाया था. हालांकि, कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने उन्हें पटखनी दे दी. अशोक तंवर के ज्वॉइनिंग से पहले सैलजा सोनिया गांधी से भी मिलीं. कहा जा रहा है कि सैलजा और सोनिया की मुलाकात में ही तंवर की एंट्री को हरी झंडी मिली. तंवर इसके बाद महेंद्रगढ़ के लिए रवाना हो गए.

कांग्रेस से निकले और तीन पार्टी में रहे

अशोक तंवर 2019 से पहले हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष थे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने उनकी जगह सैलजा की ताजपोशी कर दी. नाराज तंवर पार्टी छोड़ आप में चले गए. कुछ महीने आप में रहने के बाद तंवर ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया.

हालांकि, उन्हें वहां भी सफलता नहीं मिली. तंवर इसके बाद बीजेपी में शामिल हो गए. तंवर को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सिरसा सीट से उम्मीदवार भी बनाया.

कहा जा रहा है कि तंवर विधानसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट ही नहीं मिला. इसके बाद से ही वे कांग्रेस में वापसी की कोशिशों में लग गए थे.

राहुल गांधी के करीबी रहे हैं तंवर

एनएसयूआई से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले अशोक तंवर एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अशोक तंवर की गिनती एक वक्त राहुल गांधी के करीबी नेताओं में होती थी. 2009 में तंवर कांग्रेस के टिकट पर सिरसा सीट से सांसदी जीते थे. 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले तंवर को हरियाणा भेजा गया था. हालांकि, वे हिट साबित नहीं हो पाए.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.