Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डब्ल्यूओएस ने किया शक्ति उत्सव आयोज। विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बजट लाईव। भारतीय नौसेना का जहाज कुठार श्रीलंका के कोलंबो पहुंचा। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान प्राण, केंद्रीय कृषि मंत्री। इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से संरक्षणवाद को छोड़कर उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया,पीय... PM Modi ने बागेश्वर धाम की पर्ची निकाल दीं, धीरेंद्र शास्त्री बोले। विधान सभा बजट सत्र 2025-26 का चौथा दिन। मात्र 250 रुपए जमा करने पर आपको मिलेगा 78 लाख रुपए तक! CM योगी ने विधानसभा में शिवपाल यादव पर कसा तंज। देश की पहली दुनिया की 5वीं नाइट सफारी विकसित हो रही, प्रदेश वासियों को नाइट सफारी की मिलेगी सौगात,जा...

अभी पूरा फैसला पढ़ना बाकी है… कर्नाटक हाई कोर्ट से लगे झटके के बाद सीएम सिद्धारमैया का पहला रिएक्शन

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को बड़ा झटका लगा है. मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) जमीन घोटाले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा है कि जमीन घोटाले की जांच होनी चाहिए. इस मामले में सिद्धारमैया और उनकी पत्नी आरोपी हैं. कोर्ट के फैसले के बाद सिद्धारमैया ने कहा है किमेरी रिट याचिका पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है. राज्यपाल ने मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी. मैंने हाई कोर्ट में इसे चुनौती दी थी. बहस के बाद आज फैसला आया. मीडिया के जरिए इसकी जानकारी मिली. अभी पूरा फैसला पढ़ना बाकी है. मैं बाद में पूरी जानकारी दूंगा.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह कोई अभियोजन नहीं है. मैं कानून के जानकारों और मंत्रियों से इस पर चर्चा करूंगा. इसके बाद आगे का फैसला लूंगा. हम बीजेपी और जेडीएस की साजिश से डरने वाले नहीं हैं. हम राज्यपाल के कार्यालय से भी नहीं डरेंगे. लोगों ने हमें आशीर्वाद दिया है. मुझे उनका आशीर्वाद प्राप्त है. मुझे पार्टी हाईकमान और पार्टी के नेताओं का भी समर्थन प्राप्त है.

भूखंड मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण ने अलॉट किए 14 भूखंड

राज्यपाल थारवरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री की पत्नी को आवंटित किए गए 14 भूखंडों में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में जांच को मंजूरी दी थी. ये भूखंड मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण ने अलॉट किए थे. राज्यपाल के इस एक्शन के खिलाफ सीएम सिद्धारमैया ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

जस्टिस एम. नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने 12 सितंबर को इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा था. कोर्ट ने 19 अगस्त के अपने अंतरिम आदेश का भी विस्तार किया था. इसमें विशेष अदालत को सीएम की याचिका के निस्तारण तक अपनी कार्यवाही टालने का निर्देश दिया था, क्योंकि विशेष अदालत उनके खिलाफ शिकायत पर सुनवाई करने वाली थी.

सीएम सिद्धरमैया ने अपनी याचिका में क्या कहा?

राज्यपाल के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए सीएम सिद्धरमैया ने अपनी याचिका में कहा था कि बिना पूरी तरह विचार किए, वैधानिक आदेशों और मंत्रिपरिषद की सलाह सहित संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए ये आदेश जारी किया गया है. संविधान के अनुच्छेद-163 के तहत मंत्रिपरिषद की सलाह जरूरी है. उन्होंने कोर्ट से कहा था कि राज्यपाल का निर्णय वैधानिक रूप से असंतुलित और प्रक्रियागत खामियों से भरा हुआ है. इसलिए राज्यपाल के आदेश को खारिज किया जाए.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.