खंडवा। जिले में वर्षा का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है।शुक्रवार को सुबह से आसमान में छाए बादल बरस पड़े। ग्रामीण अंचलों में तो इतनी अतिवृष्टि हुई कि किसानों के खेत जलमग्न हो गए। कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में तो गलियां नदी में तब्दील हो गईं। घरों में पानी घुसने से ग्रामीणों को जान बचाकर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।
शुक्रवार को सुबह चार बजे से जिले के ग्रामीण अंचलों में वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया। स्थिति यह रही कि दो घंटे में नदी-नाले उफान आ गए। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी वर्षा हुई मानो बादल फट गए हों। फिफराड़ नदी में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। ग्राम बखार में तो वर्षा ने लोगों को संभलने का मौका ही नहीं दिया।
यहां इतनी तेज वर्षा हुई कि कुछ ही घंटों में लोगों के घरों में प्रवेश कर गया। फोकटपुरा कालोनी के रहवासी हरिआेम कृपाराम खोरे ने बताया कि वर्षा का पानी घर में घुसने से राशन और अन्य सामग्री पूरी तरह जलमग्न हो गई।फिफराड़ नदी के किनारे ही बसे ग्राम रांजनी में भी अतिवृष्टि से खेत जलमग्न हो गए।
ग्रामीणों की कपास, सोयाबीन, मक्का की फसल पूरी तरह पानी में डूब गई। इधर भाम नदी के किनारे बसे ग्राम मोहनिया में भी अतिवृष्टि का असर देखा गया।इसी तरह ग्राम पांगरा, सिंगोट, पुरनपुरा, जलकुआं, कालाआम कला, अशापुर, चेनपुर सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेज वर्षा से नदी-नाले उफान पर आ गए।
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