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ग्वालियर में तैयार राष्ट्रीय ध्वज का आरोहण 22 राज्यों में होगा मध्यभारत खादी संघ को मिला है 55 हजार तिरंगा बनाने का आर्डर

ग्वालियर। ग्वालियर स्थित मध्य भारत खादी संघ उद्योग के खादी के तिरंगे की मांग इस वर्ष 22 राज्यों से मिली है। इन राज्यों की सरकारी इमारतों पर ग्वालियर में निर्मित राष्ट्रीय ध्वज का आरोहरण (ध्वजारोहण) किया जाएगा। संघ को 55 हजार राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने का आर्डर मिला है। संघ अब तक 14,300 राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति राज्यों को कर चुका है।

ग्वालियर का मध्य भारत खादी संघ उत्तर भारत में भारतीय मानक ब्यूरो से प्रमाणित राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने वाला एकमात्र संगठन है। देश में कर्नाटक के हुबली और महाराष्ट्र के मुंबई में राष्ट्रीय ध्वज बनाए जाते हैं। संघ के सचिव रमाकांत शर्मा ने बताया कि इन दिनों तेज गति से तिरंगे बनाने का कार्य चल रहा है। इन तिरंगों को बनाने में प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है, जिससे तिरंगे का रंग फीका नहीं पड़ता है। तिरंगे के कपड़े के लिए भोपाल के पास सीहोर से कपास लाकर सूत तैयार किया जाता है। फिर सूत से कपड़ा तैयार किया जाता है, जिसकी गुणवत्ता की जांच की जाती है। इसके बाद कपड़े की रंगाई के लिए तीन रंगों की अलग अलग ड्राइंग तैयार की जाती है। ध्वज के साइज के हिसाब से उस पर अशोक चक्र बनाया जाता है।

तीन साइज के ध्वज होते हैं तैयार

खादी संघ मुख्य रूप से तीन साइज के ध्वज तैयार करता है, जो भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) के अनुसार होते हैं। झंडे को तैयार करने में एक सप्ताह लगता है। ग्वालियर में बनने वाले राष्ट्रीय ध्वज गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उप्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार आदि राज्यों में भेजे जाते हैं।

चरखा संघ के रूप में हुई थी खादी ग्राम उद्योग की स्थापना

मध्य भारत खादी संघ की स्थापना 1930 में चरखा संघ के तौर पर हुई थी। साल 1956 में मध्य भारत खादी संघ को आयोग का दर्जा मिला। 2016 में ग्वालियर के खादी संघ को बीआइएस से तिरंगा बनाने की अनुमति मिली।

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