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तलाक मंजूर: कोर्ट ने माना- Ex-Wife आयशा ने धवन से मानसिक क्रूरता की, जबरन क्रिकेटर की संपत्ति पर कब्जा किया

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को क्रिकेटर शिखर धवन को मानसिक क्रूरता के आधार पर उनकी पत्नी आयशा मुखर्जी से तलाक की इजाजत दे दी। पटियाला हाउस कोर्ट के न्यायाधीश हरीश कुमार ने अपनी तलाक याचिका में धवन द्वारा किए गए सभी दावों को स्वीकार कर लिया, क्योंकि उनकी पत्नी ने आरोपों का विरोध नहीं किया या अपना बचाव नहीं किया।

अदालत ने धवन को हुई मानसिक पीड़ा को स्वीकार किया
अदालत ने धवन को हुई मानसिक पीड़ा को स्वीकार किया, जो लंबे समय तक अपने इकलौते बेटे से अलग रहने के लिए मजबूर थे। बच्चे की स्थायी हिरासत पर कोई आदेश जारी नहीं करते हुए, अदालत ने धवन को भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों में अपने बेटे के साथ समय बिताने का अधिकार दिया और उनके बीच वीडियो कॉल की अनुमति दी।

इसके अलावा, अदालत ने मुखर्जी को शैक्षणिक कैलेंडर के भीतर स्कूल की छुट्टियों की कम से कम आधी अवधि के दौरान बच्चे की भारत यात्रा की सुविधा प्रदान करने का आदेश दिया, जिसमें धवन और उसके परिवार के साथ रात भर रहना भी शामिल है।  एक प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के रूप में धवन के कद को पहचानते हुए, अदालत ने उनसे अपने बेटे के साथ मुलाक़ात या हिरासत के मामलों, विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया में अपने समकक्ष से जुड़े मामलों को संबोधित करने में सहायता मांगने के लिए केंद्र सरकार से संपर्क करने का आग्रह किया।

आयशा ने जबरन दबाव बनाकर धवन की संपत्तियों में 99% मालिकाना हक हासिल किया
वहीं इसके साथ ही शिखर धवन भारत और ऑस्ट्रेलिया में बेटे के साथ उचित वक्त बिता अंतरराष्ट्रीय स्तर की किक बॉक्सिंग चैंपियन रह चुकी हैं आयशा मुखर्जी आयशा मेलबर्न की पूर्व किकबॉक्सर हैं। उन्होंने बॉक्सिंग में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सफलता हासिल की है। आयशा मुखर्जी मूल रूप से एंग्लो-इंडियन हैं। आयशा की मां ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली हैं, वहीं उनके पिता बंगाली हैं। कोर्ट ने यह भी पाया कि आयशा ने जबरन दबाव बनाकर ऑस्ट्रेलिया में धवन की तीन संपत्तियों में 99% मालिकाना हक हासिल कर लिया। साथ ही दो अन्य संपत्तियों में भी जॉइंट ओनर बन गईं।

अकेले मां के पास बच्चे पर विशेष अधिकार नहीं होता 
इससे पहले, अदालतों ने माना था कि अकेले मां के पास बच्चे पर विशेष अधिकार नहीं होता है। दोनों ने तलाक और बच्चे की कस्टडी को लेकर भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों में कानूनी कार्यवाही शुरू की थी।

वादा करके मुकर गई आयशा
धवन की याचिका के अनुसार, आयशा ने शादी से पहले उनके साथ भारत आकर रहने की बात कही थी। हालांकि, बाद में वह अपने पूर्व पति को लेकर प्रतिबद्धता की वजह से अपनी बात से पीछे हट गई। पहली शादी से उनकी दो बेटियां हैं। उन्होंने पूर्व पति से वादा किया था कि वह बेटियों को लेकर ऑस्ट्रेलिया में ही रहेंगी। कोर्ट ने इसे भी धवन का मानसिक उत्पीड़न माना। आयशा पर धवन के खिलाफ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सदस्यों और साथी खिलाड़ियों को अपमानजनक संदेश भेजने का आरोप भी सही पाया।  हालांकि, आयशा ने दावा किया था कि उन्होंने महज तीन लोगों को ऐसे मैसेज सेंड किएथे, लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया।

आयशा ने काफी कलह किया
कोर्ट ने धवन के इस आरोप को भी सच पाया कि कोविड के दौरान जब वह पिता के साथ रहना चाहते थे तो आयशा ने काफी कलह की थी। आयशा के खिलाफ यह भी आरोप सच पाया गया कि वह जब बेटे को लेकर भारत रहने आईं तो धवन को मजबूर किया कि उनकी दो बेटियों को महीने का खर्च भेजें। यहां तक कि उनके स्कूल की फीस भी धवन को ही चुकानी पड़ी। ऐसे में काफी समय तक धवन ने करीब 10 लाख रुपए हर महीने उन्हें भेजे।

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