ग्वालियर। मध्य प्रदेश की संगीत नगर ग्वालियर को यूनेस्को ने क्रिएटिव सिटी म्यूजिक का दर्जा दिया है। ग्वालियर वासियों सहित प्रदेश के लोगों के लिए यह गौरवान्वित करने वाला समाचार आज मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर प्राप्ता हुआ है।
यूनेस्को ने क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में देश के दो शहरों का चयन किया था। क्रिएटिव सिटी में केरल के कोझिकोड़ की दावेदारी लिटरेचर सिटी की थी, वहीं ग्वालियर की दावेदारी संगीतधानी यानी म्यूजिक सिटी की रही। यूनेस्को ने ग्वालियर को क्रिएटिव सिटी म्यूजिक का दर्जा दे दिया है।
मजबूत रहा ग्वालियर का दावा
यूनेस्को के सामने ग्वालियर का दावा सबसे मजबूत रहा। शहर संगीत को लेकर अधिक समृद्ध और ऐतिहासिक है। ग्वालियर में ही संगीत के सम्राट कहे जाने वाले तानसेन की जन्मस्थली है। तानसेन ही ध्रुपक के जनक रहे हैं। ग्वालियर के राजा मानसिंह ने ही ध्रुप धमार की रचना भी की थी। इनके साथ ही शहर ने कई बड़े संगीतज्ञ भी दिए हैं।
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