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दरभंगा एम्स विवाद पर CM नीतीश का बयान हम प्रयास कर रहे हैं चिंता करने की जरूरत नहीं

 बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दरभंगा एम्स को लेकर उठे विवाद को शांत करने की कोशिश करते हुए इसके जल्द निर्माण का आश्वासन दिया है। बता दें कि दरभंगा एम्स को लेकर पीएम मोदी के बयान के बाद राजनीति गरमा गई थी और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहला एम्स पटना में आया और अब अगला एम्स दरभंगा में हो, यह हमारी इच्छा है। पहले छह मेडिकल कॉलेज थे और अब गिनती बढ़कर 11 हो गई है। हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप

दरअसल, पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में कह दिया कि दरभंगा में एम्स बन गया है। इस पर तेजस्वी यादव ने शनिवार को ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री जी दरभंगा में AIIMS खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे हैं। केंद्र ने प्रस्तावित एम्स के निर्माण को स्वीकृति ही नहीं दी। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने जवाब दिया कि एम्स दरभंगा की अनुमति, मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को जमीन भी दे दी। लेकिन इसके बाद आप (तेजस्वी यादव) सरकार में आए और राजनीति करते हुए 30 अप्रैल 2023 को यह जगह बदल दी।

जानिए पूरा मामला

दरभंगा एम्स का मामला लोकसभा में उठाया गया था। पूर्णिया जदयू सांसद संतोष कुशवाहा के सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 सितंबर 2020 को दरभंगा में नए एम्स की स्थापना को मंजूरी दी थी। बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (DMCH) की 200.02 एकड़ भूमि नि:शुल्क हस्तांतरित करने की मंजूरी दे दी। लेकिन अप्रैल 2023 में राज्य सरकार ने अपना फैसला बदलते हुए उसकी जगह एकमी शोभन बाईपास पर स्थित लगभग 151 एकड़ भूमि प्रदान करने का फैसला किया। बिहार कैबिनेट ने 18 अप्रैल को इस जमीन के समतलीकरण के लिए 309 करोड़ से अधिक रुपये खर्च करने की स्वीकृति भी दी। लेकिन 27 अप्रैल 2023 को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गठित एक केंद्रीय टीम ने साइट का निरीक्षण और मूल्यांकन किया और उसे नए एम्स की स्थापना के लिए उपयुक्त नहीं पाया। उसके बाद से एम्स निर्माण का कार्य अटका पड़ा है।

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