लामता/बालाघाट। एमपी के बालाघाट में शनिवार से लगातार रुक-रुककर बारिश हो रही है, जिससे नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। और कई मार्ग बंद होने से आवागमन बंद है। साथ ही छोटे नाले तीन दिन से बंद है। इधर सिवनी जिले में तेज बारिश होने से भीमगढ़ जलाशय से पानी छोड़ने जाने से बालाघाट से प्रवाहित होने वाली वैनगंगा नदी में जल स्तर बढ़ने से गांवों में पानी भर गया है।
घर नहीं लौटे तो वैनगंगा नदी की ओर जाकर ग्रामीणों ने देखा
ग्राम राघोटोला में वैनगंगा नदी संगम घाट किनारे एक ही परिसर में श्रीराम व शिव मंदिर हैं। सावन मास के पहले सोमवार को शाम करीब सात बजे मंदिर में पूजा करने गए पुजारी तोपराम बोपचे 82 वर्ष ग्राम मुरझड़ थाना लामता निवासी बाढ़ आने से मंदिर में रात भर फंसा रह गए। पुजारी के दूसरे दिन सुबह तक घर नहीं लौटने पर वैनगंगा नदी की ओर जाकर ग्रामीणों ने देखा। मंदिर में फंसे होने की जानकारी लामता थाना पुलिस को दी गई।
बाढ़ में फंसे पुजारी को एसडीआरएफ के दल ने बाहर निकाला
लामता थाना पुलिस ने बालाघाट से एसडीआरएफ के दल को बुलाया गया। मंगलवार को सुबह नौ बजे से बचाव कार्य चालू किया गया और साढ़े 10 बजे उसे बाहर निकाला गया। बाढ़ में फंसे पुजारी को बाहर निकालने की प्रभारी प्लाटून कंमाडर श्याम सिंह धुर्वे, एसडीआरएफ आशु मेसराम, घनश्याम सोनेकर, करन वल्के, फागूलाल लाल नेवारे, सोनू मरकाम, आशीष खरोले, ताम सिंह उइके कोशिश करते रहे।
गांव से 600 मीटर की दूर संगम घाट में मंदिर में फंसे रहे पुजारी
गांव से लगभग 600 मीटर की दूरी पर वैनगंगा संगम घाट में मंदिर में फंसे पुजारी को सुरक्षित स्थान पर लाया गया। मौके में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बैहर एसडीओपी परसवाड़ा सतीश साहू, लामता तहसीलदार कृष्ण कुमार नायक, उपनिरीक्षक दिलीप नायक, भूपेंद्र चौहान, देवेंद्र पंद्राम उपस्थित रहे।
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