पिटोल। पिटोल के समीप कालिया छोटा के कटारा फलिये(घाटीया) के लोगों द्वारा गुजरात के हलदवा में गांव के युवक मान की मौत हो गई। इसके बाद उसकी मृत देह को अंतिम संस्कार करने की बजाय शंभू (बुआ का लड़का) कटारा के घर के दरवाजे पर लाकर रख दी गई। शंभू के परिवार से मृतक खुमान की मौत का कारण जानने के साथ ही मृतक के स्वजनों को देने के लिए आर्थिक सहायता देने का दबाव बनाने लगे।
इससे मामला तनाव पूर्ण हो गया था। 24 घंटों की मशक्कत के बाद प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की समझाइश के बाद कि वे मृतक की देह का अपमान न करें अन्यथा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। ग्रामीणों ने अपने गांव घाटीया ले जाकर खुमान पुत्र रालु डोडियार का अंतिम संस्कार किया।
दरअसल, रिश्ते में मामा-बुआ के लड़के यानी भाई लगने वाले खुमान व शंभू पिटोल के जामसिंह भूरिया का ट्रेक्टर किराए से लेकर गुजरात के हलदवा के समीप गए थे। चार-पांच दिन बाद मृतक खुमान जो ट्रेक्टर चलाने के लिए गया था उसने वापस घर आने के लिए कहा था।
मृतक के भाई अमरसिंह डोडियार ने बताया कि रात को उसके पास शंभू का फोन आया कि खुमान उठ नहीं रहा है उसका का बीपी लो हो रहा है। भाई ने उसे डाक्टर को बताने के लिए कहा। गुजरात में जहां काम कर रहे थे। उसके मालिक के माध्यम से डाक्टर को दिखाया गया। एंबुलेंस से अस्पताल लेकर भी गए किंतु वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
जिस ट्रेक्टर-ट्राली में बैठा था खुमान, वहां खून से सने मिले पत्थर
खुमान की मौत की सूचना के बाद भाई और गांव के लोग जब वहां मौके पर पहुंचे। तब मृतक अस्पताल में था। मौके पर जाकर देखा जिस ट्रेक्टर ट्राली में खुमान बैठा था वह लहूलुहान था। ट्राली में खून से सने हुए पत्थर पड़े थे। इधर, शंभू बार-बार अपने बयान बदल रहा था। पहले कह रहा था खुमान ट्राली से गिर गया था।
बाद में कहा उसने दवा पी ली। फिर कहने लगा उसका बीपी ज्यादा लो हो गया था। इन सब चीजों ने स्वजनों को किसी अनहोनी के लिए आशंकित किया। शंभू, मृतक के साथ उसके गांव आने की बजाय वहां से फरार हो गया। इसको लेकर मामले ने तूल पकड़ा और मृतक की देह को शंभू के घर ले जाकर रख दिया कि जब तक वह असलियत नहीं बताएगा वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
जंगली जानवर मंडराने लगे आसपास
जिस मकान पर मृत देह को रख दिया गया था। वहां सन्नाटा पसरा था। हालांकि, पुलिस का पहरा जरुर था। रात के अंधरे में आसपास फैल रही बदबू के कारण जंगली जानवर मंडरा रहे थे। पुलिस व कोटवार रातभर उन्हें भगाकर मृतक की देह की देख-रेख करते रहे।
गुजरात में दर्ज हुआ मामला
पिटोल पुलिस चौकी प्रभारी पल्लवी भावर ने बताया कि घटना गुजरात के हलदवा जिले की है। जहां मामला पुलिस के संज्ञान में होकर प्रकरण दर्ज किया गया है। मृतक का पोस्टमार्टम हुआ है जिसकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। यहां चल रहे घटनाक्रम को गंभीरता से लेकर प्रशासन ने समझाइश दी। तकरीबन 24 घंटे की मशक्कत के बाद स्वजन व गांव के लोग माने एवं अंतिम संस्कार के लिए मृतक को अपने गांव ले गए। दूसरी ओर घाटीया के लोग कह रहे हैं मौत का कारण अब भी पहेली बना हुआ है। अब फैसला भील पंचायत में ही होगा।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.