Breaking News in Hindi
ब्रेकिंग
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के फैसले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर डब्ल्यूओएस ने किया शक्ति उत्सव आयोज। विधान परिषद के बजट सत्र 2025-26 के अंतर्गत बजट लाईव। भारतीय नौसेना का जहाज कुठार श्रीलंका के कोलंबो पहुंचा। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान प्राण, केंद्रीय कृषि मंत्री। इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से संरक्षणवाद को छोड़कर उपभोक्ता हितों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया,पीय... PM Modi ने बागेश्वर धाम की पर्ची निकाल दीं, धीरेंद्र शास्त्री बोले। विधान सभा बजट सत्र 2025-26 का चौथा दिन। मात्र 250 रुपए जमा करने पर आपको मिलेगा 78 लाख रुपए तक! CM योगी ने विधानसभा में शिवपाल यादव पर कसा तंज।

संसद भंग और संविधान सस्पेंड…इस अमीर मुस्लिम देश में एक शख्स ने ही पलट दी पूरी सत्ता

तेल से मालामाल खाड़ी देश कुवैत में नया राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है. कुवैत के अमीर शेख ने शुक्रवार को देश की संसद को भंग कर दिया. कुवैती मीडिया के मुताबिक अमीर ने संसद भंग करने के बाद कुछ सरकारी विभागों को अपने कंट्रोल में ले लिया है. इसके अलावा अमीर ने देश के कुछ कानूनों को भी भंग कर दिया है.

कुवैत न्यूज एजेंसी KUNA के मुताबिक राष्ट्रीय असेंबली को भंग करने और संविधान के कुछ लेखों को चार साल से ज्यादा के लिए निलंबित करने के अमीर ने आदेश जारी किए है. इसमें आगे लिखा गया है कि अमीर शेख मेशाल अल अहमद अल जाबेर नेशनल असेंबली को अपने हाथों में ले रहे हैं.

क्यों किया संसद को भंग?

अमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.” उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है, भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है. अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है. साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है.

सालों से चल रहा राजनीतिक संकट

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है. देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है. इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं. कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है, लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है.

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.