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इंदौर के सरकारी अस्पताल में घोड़े की एंटी बॉडी से एमबीए स्टूडेंट का किया गया उपचार, जानिए क्या है एटीजी थेरेपी

इंदौर: मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के शासकीय सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पहली बार एटीजी थेरेपी यानी घोड़े के खून से निकाली गई एंटीबॉडीज से एक स्टूडेंट का उपचार किया है। आमतौर पर 8 से 10 लाख रुपए के खर्च वाली इस थेरेपी को डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की विभिन्न योजनाओं और आयुष्मान कार्ड के जरिए इस पूरे उपचार को संपन्न कराया

बता दें कि दरअसल, मूल रूप से गुना का रहने वाला विद्यार्थी जो एमबीए की तैयारी कर रहा था, वह पिछले कई माह से एप्लास्टिक एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी की परेशानी के कारण कमजोरी की चपेट में था, जिसके लिए उसने गुना, भोपाल सहित अन्य कई स्थानों पर इलाज के लिए कई चक्कर काटे, जिसमें उसका हीमोग्लोबिन, ब्लड काउंट और प्लेटलेट्स डॉक्टर द्वारा कम होना बताया गया, जिसके बाद यह विद्यार्थी इंदौर के एमवाय अस्पताल पहुंचा, जहां पर उसे शासकीय सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉक्टर अक्षय लाहोटी से मिलने की सलाह दी गई, इसके बाद डॉक्टर अक्षय लाहोटी के द्वारा इसका इलाज शुरू किया गया।

जिसमें 3 महीने तक डॉक्टर के द्वारा इसके इलाज के लिए सभी जरूरी सुविधाएं जुटाई गई, साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की योजनाओं से आर्थिक सहायता ली गई और युवक का आयुष्मान कार्ड बनवाकर, इस युवक का इलाज एटीजी थेरेपी यानी घोड़े के खून से एंटीबॉडीज निकालकर किया गया, इस प्रकार से इंदौर के शासकीय अस्पताल में पहली बार संपन्न हुई सबसे बड़ी चुनौती इस थेरेपी में यह थी कि इस थेरेपी के बाद सामान्य तौर पर होने वाले रिएक्शन से मरीज को कैसे बचाया जा सके, लेकिन इन सभी चुनौतियां को पार कर इंदौर के शासकीय डॉक्टर ने इस थेरेपी से सफल इलाज सम्पन्न किया।

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