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पर्याप्त हिरण होने पर ही खुले जंगल में छोड़े जाएंगे चीते

भोपाल। पालपुर कुनो अभयारण्य में चीतों को बाड़े से खुले जंगल में छोड़ने की तैयारी की जा रही है, लेकिन शिकार के लिए हिरणों की पर्याप्त संख्या न होने के कारण अभी नहीं छोड़ा जा रहा है। पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव वन जेएन कंसोटिया को उच्च स्तरीय बैठक में इसकी जानकारी दी गई।

बताया गया कि चीतों को खुले में तभी छोड़ा जाएगा, जब उनके लिए खुले जंगल में आहार के लिए हिरणों की पर्याप्त संख्या होगी। उधर, चीतों को मंदसौर जिले के गांधी सागर अभयारण्य में भी बसाया जाना है। इसके लिए वहां चारों ओर फेंसिंग की जा रही है।

चीता एक्शन प्लान के अनुसार गांधीसागर अभयारण्य मे चीतों की पुनर्स्थापना के लिए 40 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को तैयार किए जाने के लिए फेंसिंग, रहवास क्षेत्र विकास प्रशिक्षण आदि कार्य प्रस्तावित किए गए हैं, जिन्हें अब दिसंबर अंत तक पूर्ण करना है।

पेंच टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से बफर में बसाए जाएंगे चीतल

इधर, बाघों के लिए सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से बफर क्षेत्र में चीतलों को बसाया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा, क्योंकि पेंच टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में बाघों की संख्या अधिक है।

वे अपने आहार के लिए बफर क्षेत्र में कैटल प्रजाति जिसमें गायें भी शामिल हैं का शिकार कर रहे हैं। रिजर्व के कोर एरिया में 60 हजार से अधिक चीतल मौजूद हैं।

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