मंदसौर। नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट ने आरोपित को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन मीडिया प्रभारी दीपक जमरा ने बताया कि पीड़िता ने भावगढ़ थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 11 अप्रैल 2022 को रात 10:30 बजे के लगभग माता, बुआ और बहन मेला देखने गए थे। घर पर मैं, दादी और भाई था।
पीड़िता ने बताया कि वह शौचालय के लिए घर के पीछे गई तो वहां आरोपित विष्णुलाल सासरी मौजूद था, जिसने उसे साथ चलने को कहा। मैंने मना किया तो हाथ पकड़कर जबरदस्ती अपने साथ ले जाने लगा, तभी पीड़िता के भाई ने देख लिया। पीड़िता का भाई, उसकी मम्मी, बुआ को बुलाकर लाया, उतनी देर में आरोपित पीड़िता को उसके घर के अंदर लेकर गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस ने ताला तोड़कर पीड़िता को निकाला
दुष्कर्म करने के बाद पीड़िता को घर के अंदर बंद कर दरवाजे का ताला लगा दिया। पीड़िता की मां, बहन घर पर आए और उन्होंने पुलिस को फोन लगाकर बुलाया। पुलिसकर्मियों ने आरोपित के घर का ताला तोड़कर पीड़िता को बाहर निकाला। पुलिस द्वारा प्रकरण में विवेचना की गई। आरोपित विष्णु को गिरफ्तार कर संपूर्ण कार्रवाई के बाद चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया।
कोर्ट ने सुनाई सजा
सुनवाई के दौरान प्रकरण में न्यायालय के समक्ष अभियोजन अधिकारी द्वारा रखे गए तथ्यों और तर्कों से सहमत होकर साक्ष्य के आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी विष्णु को दोष सिद्ध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपित विष्णुलाल को नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के अपराध में दोषी पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया। प्रकरण का संचालन विशेष लोक अभियोजक दीप्ति कनासे ने किया।
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