सिवनी। जिले के कुरई सामान्य वन परिक्षेत्र से लगे गांव में रहने वालों के दहशत का कारण बने बाघ को पकड़ने ड्रिंकुलाइज पिंजरे में कैद करने के प्रयास वन अमले ने तेज कर दिए हैं। जंगल में ड्रोन कैमरों की मदद से बाघ की लोकेशन ड्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है। बाघ ने जामुनपानी बीट के जंगल से लगे रमपुरी गांव के खेत में एक व्यक्ति को अपना शिकार बनाया था। शुक्रवार सुबह पेंच टाइगर रिजर्व का वन अमला मौके पर पहुंच गया हैं। बाघ का रेस्क्यू करने पेंच टाइगर रिजर्व के प्रशिक्षित हाथियों को मौके पर बुलाया गया है। सामान्य वनमंडल के साथ ही पेंच टाइगर रिजर्व का अमला मौके पर पहुंचकर सर्चिंग कर रहा है। बाघ को पकड़ने जंगल में पिंजरा भी रखा गया है।
लोकेशन ड्रेस होने के बाद ही रेस्क्यू अभियान प्रारंभ किया जाएगा
वन अधिकारियाें के मुताबिक बाघ की लोकेशन ड्रेस होने के बाद रेस्क्यू अभियान प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए गुरुवार को पेंच के कर्माझिर्री से हाथियों को बुलाया गया। बाघ को ड्रिंकुलाइज कर पकड़ने के आदेश भोपाल मुख्यालय से जिले के वन अधिकारियों को मिल चुके हैं। पेंच टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सक डा. अखिलेश मिश्रा ने बताया कि डाट लगाकर बाघ को बेहोश कर पिंजरे में कैद किया जाएगा। 1 नवंबर की शाम कुरई की जामुनपानी बीट के जंगल से लगे रमपुरी गांव के खलिहान में वन विभाग के चौकीदार रोशनलाल कर्वेती (50) पर बाघ ने हमला कर मार डाला था। शव घसीटते हुए जंगल ले गया था।
बाघ काे पकड़ने लगाया पिंजरा
सूचना पर वन अमला मौके पर पहुंचा, आक्रोशित ग्रामीणों व स्वजनों को शांत कराकर वन अधिकारियों ने आठ लाख रुपये की मुआवजा राशि का चैक मौके पर ही पीड़ित परिवार को उपलब्ध कराया। साथ ही पीड़ित परिवार के एक व्यक्ति को वन सुरक्षा समिति में रोजगार उपलब्ध कराने पर स्वीकृति दी गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद बरघाट विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने मौके पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाया। अधिकारियों से चर्चा कर हमलावर बाघ को पकड़कर दूर भेजने की मांग रखी। आक्रोशित ग्रामीणों की मांग को देखते हुए बाघ को पकड़ने का प्रयास वन अमले ने शुरू कर दिया है। बाघ काे पिंजरा भी रखा गया है, ड्रोन कैमरे से सर्चिंग की जा रही है।
लगातार हो रहे बाघ के हमले
25 अक्टूबर को तीन दिन से लापता रमपुरी निवासी जयवंती पति टेकचंद पंद्रे (55) का क्षत विक्षत शव पेंच टाइगर रिजर्व के अरी (बफर) की मोहगांव बीट के जंगल में मिला था। महज आठ दिनों बाद एक नवंबर को बाघ ने एक और व्यक्ति का शिकार कर लिया है, इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। इससे पहले 11 अक्टूबर को वन परिक्षेत्र खवासा की पिंडरई बीट कक्ष क्र. 355 के जंगल में मवेशी चरा रहे चरवाहे मिट्ठन अवसरे (49) की बाघ के हमले में मौत हुई थी।19 सितंबर को खंडासा निवासी चरवाहा यशवंत राव पर बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया। बाघ ने जिस जगह यशवंत को मारा था, वह महाराष्ट्र की सीमा का जंगल था। सिवनी दक्षिण सामान्य वनमंडल के खंडासा, पीपरवानी, पिंडरई क्षेत्र में जंगल के करीब बीते कुछ दिनों से बाघ की मौजूदगी बनी हुई है। बाघ लगतार पालतू मवेशियों के साथ आम लोगों को निशाना बना रहा है। बीते दो माह के दौरान तीन लाेगों पर हमला कर बाघ ने गंभीर रूप से घायल कर दिया है।
बाघ के हमले में मृत व्यक्ति के स्वजनों को तत्काल 8 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करा दी गई है। बाघ को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। क्षेत्र में वन अमला व रेस्क्यू दल गश्ती कर रहा है, लोकेशन ट्रेस होते ही रेस्क्यू कर बाघ को पिंजरे में पकड़ लिया जाएगा।
सुदेश महिवाल, वनमंडल अधिकारी, दक्षिण सामान्य वनमंडल सिवनी।
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